Monday, May 20, 2024

Loksabha Election : सलेमपुर लोकसभा के लोग कह रहे हैं कि भाजपा सरकार हर मोर्चे पर नाकाम सरकार है

सलेमपुर लोकसभा के किसानों से बात करते हुये यह बात स्पष्ट है कि किसानों के मुद्दे बहुत दिनों से उपेक्षित किए जा रहे हैं। साथ ही बेरोजगारी का असर भी उनके ऊपर स्पष्ट दिखने लगा है क्योंकि उनके घरों के युवा न केवल निराशा और हताशा के दौर में हैं बल्कि परिवार पर बोझ भी बनते जा रहे हैं।

शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह मुफ्त और जनसुलभ बनाने के लिए भाजपा को हराना होगा

भाजपा सरकार कि नीतियाँ हमेशा से जन विरोधी रही हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा उन्हीं में से एक है। यह पूरी तरह मजदूर, किसान एवं आम जनता के बच्चों के लिए शिक्षा से बेदखली का दस्तावेज है।

दलित उत्पीड़न : मध्य प्रदेश में दलित दंपत्ति से मारपीट कर जूतों की माला पहनाई

मध्य प्रदेश में दलित उत्पीड़न का मामला थम नहीं रहा है। राज्य के अशोकनगर जिले में एक बुजुर्ग दलित दंपत्ति के साथ कथित तौर पर मारपीट करने और उन्हें जूतों की माला पहनाने की घटना सामने आई है।

भाजपा और आरएसएस की हिंदुत्ववादी मानसिकता स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के लिए सबसे बड़ा खतरा है

बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर ने देश में हिंदुत्ववादी ताकतों के मंसूबों को भापते हुए उस समय जो चिंता व्यक्त की थी वह अब पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक स्थिति में पहुँच चुकी है। ऐसे में हमें आपसी भाई चारे को बनाये रखते हुए बीजेपी और आरएसएस के लोगों से दूर रहने की जरूरत है।

ग्राउंड रिपोर्ट

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तेलंगाना : परीक्षा में असफल होने से पिछले 48 घंटों में सात छात्रों ने की आत्महत्या

जैसे ही हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम घोषित होते हैं, उसके बाद देश के हर हिस्से से छात्रों के आत्महत्या करने जैसे मामले बढ़ जाते हैं। स्कूल और माता-पिता का एक परोक्ष-अपरोक्ष दबाव इसका कारण हो सकता है।

वाराणसी : छात्रा के साथ गैंगरेप मामले में विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों को बीएचयू प्रशासन ने भेजा नोटिस

बीते वर्ष 1 नवंबर की रात को बीएचयू में आईआईटी की एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। इस घटना में 3 युवकों की संलिप्तता पाई गई थी। ये तीनों ही दुष्कर्मी- कुणाल पांडेय, सक्षम पटेल और अभिषेक चौहान भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए थे।

बैलेट पेपर नहीं मिला तो मतदान नहीं करेंगे, लखनऊ के मतदाताओं ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखा पत्र

आज 23 अप्रैल को लखनऊ के 9 मतदाताओं ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर उनका मतदान बैलेट पेपर के माध्यम से कराने की मांग की है। ये सभी 9 मतदाता लखनऊ पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से हैं।

उत्तर प्रदेश : मैनपुरी में ट्रैक्टर-ट्रॉली को ट्रक ने टक्कर मारी, चार महिलाओं की मौत

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के बिछवां थानाक्षेत्र के फर्दपुर गांव के पास शनिवार तड़के एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को ट्रक ने टक्कर मार दी, जिससे चार महिलाओं की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए।

आजमगढ़ : लोकसभा चुनावों के लिए किसान संगठन जारी करेंगे किसान एजेंडा, भूमि अधिग्रहण के सवाल पर मांगेंगे जवाब

आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर किसानों के सवाल का जवाब हर प्रत्याशी को देना होगा। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरीडोर या पार्क के नाम पर किसान एक इंच जमीन नहीं देंगे।

रोज़मर्रा का संघर्ष करता गोंडा का बेहना समाज

बेहना जाति पसमांदा मुसलमानों में गिनी जाती है और पारंपरिक रूप से रुई धुनने का काम करती रही है लेकिन अब कोई भी यह काम नहीं करता। मशीनें आ जाने से उनको काम मिलना धीरे-धीरे बंद होता गया। जाड़ा शुरू होते ही अपनी धुनकी कंधे पर लिए वे दूर-दराज के इलाकों में निकल जाते और बसंत आते-आते अच्छी-ख़ासी कमाई करके वे वापस आते। बाकी के दिनों में मेहनत-मजदूरी के दूसरे काम भी करते। लेकिन बनी-बनाई रजाइयाँ आने और मशीनों की बढ़ती संख्या ने उन्हें खदेड़ दिया।

तीस हज़ार की आबादी वाला गाँव जहां शहादत की गाथाएँ हैं लेकिन लड़कियों का एक भी स्कूल नहीं

तीस हज़ार की आबादी वाला देवरिया जिले का पैना गाँव, जहां शहादत की गाथाएँ तो बहुत हैं लेकिन लड़कियों को पढ़नें के लिए एक भी स्कूल नहीं है। यही नहीं इस गाँव में ठाकुरों का ऐसा आतंक रहा है कि कोई दुकानदार वहाँ दुकान करने की हिम्मत आज तक नहीं कर सका है।

गाजीपुर : पानी की टंकी का कागज नहीं मिलने पर मेदनीपुर में पानी की सप्लाई की ज़िम्मेदारी नहीं लेते यहाँ के प्रधान

केंद्र सरकार का सबको घर तक पानी पहुँचने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं। टंकी है तो पानी नहीं, पानी है तो पाइप से सप्लाई नहीं। गर्मी के दिन आ गए पाने के अभाव में हर व्यक्ति परेशान है।

डेढ़गावाँ गाजीपुर : लाखों की लागत से बने शौचालय पर तीन साल से ताला और अस्पताल से अनुपस्थित डॉक्टर

सरकार के लाख दावे के बावजूद जमीनी स्तर पर सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचारअपने चरम पर है। गाँवों में शौचालय, पेयजल, अस्पताल और प्रधानमंत्री आवासों के वितरण में घोर अनियामिततायें देखी जा रही हैं. गाजीपुर के दक्षिणी छोर पर स्थित डेढ़गाँवां गाँव में इसकी एक बानगी देखी जा सकती है। यहाँ के सार्वजनिक शौचालय में तीन साल से ताला लटक रहा है और अस्पताल परिसर में घास और गंदगी फैली हुई है। ग्रामवासियों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर कभी नहीं आते। डेढ़गाँवां के हालात पर यह ग्राउंड रिपोर्ट।

किशनगंज – ‘सिल्की’ सपना टूट गया, बची सिर्फ रेशमी यादें

पूरे देश में खेती करने वाले किसानों का खस्ताहाल है। सरकारी सुविधा से न तो उन्हें बीज उपलब्ध हो पाता है न खाद और न ही बाजार। ऐसे में किसान उत्पादित फसल को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हो जाता है या फिर अपना पुश्तैनी काम छोडकर किसी दूसरे काम को करते हुए बामुश्किल अपनी जीविका चला पाता है। बिहार के किशनगंज से रेशम की खेती करने वाले किसानों की जमीनी हकीकत की पड़ताल करती यह रिपोर्ट

Lok Sabha Election : हिंसा से प्रभावित रहे मणिपुर के 11 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान जारी

मणिपुर के 11 मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान जारी है। 19 अप्रैल को हुए मतदान के दौरान हिंसा, ईवीएम के साथ तोड़फोड़ की घटनाओं के कारण चुनाव आयोग ने 11 मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान का निर्णय लिया था।

उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10वीं और 12वीं कक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित, बेटियों ने फिर लहराया परचम

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षा में बेटियों ने दिखा दिया कि वे किसी से कम नहीं, जरूरत उन्हें मौका देने की है।

Lok Sabha Election : लोकतांत्रिक आवाजों का दमन कर रही केंद्र की मोदी सरकार, केरल में बोलीं प्रियंका गांधी

सरकार उन लोगों को परेशान करती है, उन पर आरोप लगाती है और उन्हें जेल में डाल देती है, जो उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत करते हैं।

Lok Sabha Election : यदि बीजेपी की सीटें बढ़ रही हैं तो उसके सहयोगी दलों की सीटें घट क्यों रही हैं?

वर्ष 2019 में बीजेपी के 303 सांसद लोकसभा में पहुंचे थे। अबकी बार 70 सीट अधिक लाने की बात कर रहे हैं, याने बीजेपी की कुल सीटें 370 होंगी। इस बार बीजेपी गठबंधन के साथ 400 पार की बात कर रही है। पिछले चुनाव में गठबंधन की 50 सीटें थीं लेकिन इस बार जो गणित बीजेपी ने तय किया, उसमें 30 सीटों पर आने की संभावना है। पढ़िए महेंद्र यादव का चुनाव पर विश्लेषणात्मक लेख

Lok Sabha Election : पहले चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों के लिए शुरू हुआ मतदान, 16 करोड़ से अधिक मतदाता करेंगे मतदान

उत्तर प्रदेश में आज सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में मतदान किया जा रहा है।

Lok Sabha Election : पहले चरण में ही पश्चिम की हवा ने भाजपा का सफाया कर दिया है, नोएडा में बोले अखिलेश यादव

भाजपा नीत सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि नौजवानों के लिए सेना की पक्की नौकरी को अग्निवीर में बदल दिया गया और (सेना की) नौकरी आधी अधूरी कर दी गई। किसानों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा, ' समाजवादी पार्टी किसानों की मुआवजे की समस्या को खत्म करेगी और किसानों की जमीनों का सही मुआवजा देगी।'

Lok Sabha Election : कड़ी सुरक्षा के बीच बस्तर में शाम पाँच बजे तक हुआ 63.41% मतदान, CRPF के एक जवान की मौत

बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए इस बार भाजपा ने नए चेहरे महेश कश्यप को मैदान में उतारा है। कश्यप पूर्व में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य रह चुके हैं। वहीं कांग्रेस ने अपने मौजूदा सांसद दीपक बैज, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं का टिकट काटकर कोंटा क्षेत्र के विधायक कवासी लखमा को मैदान में उतारा है।

Lok Sabha Election : उत्तराखंड में 5 बजे तक 53.65 फीसदी मतदान, राज्य के कई जिलों में ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार

उत्तराखंड के पर्वतीय ग्रामीण इलाकों के लोग पेयजल, सड़कों, स्वास्थ्य एवं शिक्षा से जुड़ी सुविधाओं के गांवों में न पहुँचने से नाराज हैं।

Lok Sabha Election : यूपी की आठ सीटों पर औसतन 57.90 प्रतिशत मतदान, पीलीभीत में ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार

पीलीभीत जिले के कुछ ग्रामीण इलाकों में लोगों ने सरकार-प्रशासन  द्वारा की गई उपेक्षा और नागरिक सुविधाओं की कमी के विरोध में चुनाव का बहिष्कार किया है।

Lok Sabha Election : मतदान से पहले पूर्वी नागालैंड में ईएनपीओ ने अनिश्चितकालीन बंद कर चुनाव का बहिष्कार किया

जहां लोकसभा चुनाव के पहले चरण में नागालँड की एकमात्र सीट पर पर मत डाले जाने है, वहीं पूर्वी नागालँड ईएनपीओ ने अलग राज्य की अपनी मांग को लेकर अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की है।

धार्मिक सेक्टर में अवसरों का पुनर्वितरण बने चुनावी मुद्दा

आज हमारे देश के मंदिरों में अकूत संपत्ति पड़ी हुई। इस संपत्ति का भोग एक खास वर्ग ब्राम्हण ही कर रहा है। यदि धार्मिक सेक्टर में जितनी आबादी-उतना हक का सिद्धांत लागू हो जाता है तो मंदिरों के ट्रस्टी बोर्ड से लेकर पुजारियों की नियुक्ति में अब्राह्मणों का वर्चस्व हो जाएगा और वे मठों–मंदिरों की बेहिसाब संपदा के भोग का अवसर भी पा जाएंगे और आर्थिक रूप से मजबूत भी होंगे।

आरएसएस प्रमुख और भाजपा, आरक्षण समीक्षा की आड़ में पिछड़ों को उचित प्रतिनिधित्व से दूर रखने की मंशा रखते हैं

कुछ समय पहले तक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ओबीसी आरक्षण के सख्त खिलाफ थे और आरक्षण को लेकर लगातार विरोध में बयान दिया करते थे लेकिन चुनाव आते ही उनके सुर बदल गए क्योंकि देश में ओबीसी का बड़ा वोट बैंक हैं।

अग्निवीर योजना : दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक युवाओं के खिलाफ भाजपा-आरएसएस की बड़ी साजिश

अग्निवीर योजना की शुरुआत एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है। भारतीय सेना में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक युवाओं को शामिल होने से रोकने के लिए एक गहरा इकोसिस्टम तैयार किया गया है। नरेंद्र मोदी और आरएसएस द्वारा तैयार की गई इस रणनीति को समझना एक सामान्य भारतीय नागरिक के लिए आसान नहीं है।

 नफरत की राजनीति की हदें पार करती भाजपा क्या चार सौ पार पहुँचेगी या गर्त में जाएगी?

चुनावों में जब भी भाजपा के समक्ष संकट आता है तो वह सांप्रदायिकता की पनाह में चली जाती है। चूंकि कोई भी चुनाव आसान नहीं होता, इसलिए भाजपा मण्डल के उत्तरकाल के हर चुनाव में राम नाम जपने और मुस्लिम विद्वेष के प्रसार के लिए बाध्य रही।

Loksabha मिर्ज़ापुर : सरकार की नीतियों के चलते व्यापारी समाज नाराज, चुनाव में उलटफेर की संभावना

चुनाव के इस माहौल में मिर्ज़ापुरवासियों के मन में गहरी ऊहापोह चल रही है। पिछले दो बार से इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करनेवाली अनुप्रिया पटेल दो बार केंद्र में मंत्री रही हैं लेकिन व्यवसायियों का कहना है कि उन्होंने उनके हित में कुछ नहीं किया। फिलहाल वे ऐसे प्रतिनिधि को जिताने के बारे में सोच रहे हैं जो उनके शहर को नई रौनक से भर दे।

 भारत में समतामूलक समाज निर्माण की उम्मीद जगाता कांग्रेस का घोषणापत्र 

सदियों से शक्ति के समस्त स्रोतों पर सवर्णों का अधिकार रहा है। देखा जाय तो भेदभाव और अवसरों की कमी झेलने वाली 70 प्रतिशत आबादी को असमानताताओं के दल-दल से निकालने के जरूरत है। कांग्रेस का घोषणा पत्र इस दिशा में उम्मीद की एक किरण बना हुआ है।

Lok Sabha Election : महिलाओं को दिए गए टिकट की संख्या पर राजनैतिक दलों की मंशा को लेकर सवाल उठना जरूरी

वर्ष 2023 में संसद में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू हुआ, जिसमें उन्हें 33 प्रतिशत आरक्षण देने का नियम बना। महिलाओं ने जश्न मनाया और सभी दलों ने इसका स्वागत किया लेकिन जमीनी हकीकत देखें तो किसी भी राष्ट्रीय या बड़े क्षेत्रीय दलों ने इस अधिनियम के आधार पर टिकट का बंटवारा नहीं किया। देश के सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में इसका आकलन कर इस बात की वास्तविकता देख आने वाले दिनों में राजनैतिक दलों की भूमिका पर सवाल खड़ा होना स्वाभाविक है

भाजपा-आरएसएस की राजनीति हमेशा से ही दलित,पिछड़ा,अल्पसंख्यक विरोधी रही है

भाजपा और आरएसएस हमेशा से दलित,ओबीसी विरोधी रहे हैं। देश के संविधान को बदलने के लिए इस चुनाव में 400 पार का नारा दिया लेकिन संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने को लेकर जनता की तरफ से आ रहे विरोध को देखते हुए इन्होंने चुनाव का नेरेटिव बदल इनके शुभचिंतक होने की बात बार-बार दोहरा रहे हैं।

Lok Sabha Election : रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से किशोरीलाल शर्मा ने भरा नामांकन

पांचवें चरण के नामांकन के आखिरी दिन आज अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर अपने पत्ते खोल दिये। उत्तर प्रदेश के हॉट सीटों में रायबरेली और अमेठी का नाम आता है। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में इन दोनों सीटों पर राहुल गांधी और किशोरीलाल शर्मा ने अपना नामांकन भर दिया है।

बिहार : महंगे सिलेंडर के कारण गाँव में फिर से लौट रहा है मिट्टी के चूल्हे का दौर, फ्लॉप हुई उज्ज्वला योजना

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को की गई थी जिसका मकसद जीवाश्म ईंधन की जगह एलपीजी गैस को बढ़ावा देना, महिला सशक्तीकरण के साथ ही उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा करना आदि भी रहा है, लेकिन आज यह योजना महंगी गैस के चलते फ्लॉप होती जा रही है। बिहार के मुज़फ्फ़रपुर जिले के साहेबगंज प्रखंड के कई गाँवों में महिलाओं ने कहा कि महंगी गैस के चलते वे चूल्हे पर खाना बनाने लगी हैं।

राजस्थान : स्वरोजगार से बदल रही है महिलाओं की आर्थिक स्थिति

गैर सरकारी संस्था उरमूल द्वारा उपलब्ध कराये गये काम की बदौलत राजस्थान के लूणकरणसर इलाके की ग्रामीण महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्कि परिवार की आर्थिक तंगी को भी दूर कर रही हैं।

महंगाई की मार : प्याज-टमाटर और आलू के बढ़े दाम, वेज थाली हुई 7 फीसदी महंगी

आवक कम होने और कम आधार दर के कारण प्याज का दाम सालाना आधार पर 40 प्रतिशत, टमाटर का दाम 36 प्रतिशत और आलू का दाम 22 प्रतिशत बढ़ने से शाकाहारी थाली महंगी हो गई है।

रासायनिक खेती के उदय और विकास में वैश्विक शक्तियों की भूमिका और लाभ की राजनीति

रासायनिक कंपनियों द्वारा उत्पादित रासायनिक खादों, दवाओं और आनुवंशिक रूप से संशोधित बीजों को कृषि में प्रयोग करने के इतिहास की गहराई से छानबीन करने से पता चल सकता है कि दुनिया भर की सरकारों ने जानबूझकर सोची समझी रणनीति के तहत रासायनिक कंपनियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इसकी अनुमति दिया और अपनी कृषि नीतियों में बदलाव किया।

लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार की मनरेगा मजदूरी में आंशिक बढ़ोतरी पर विपक्षी नेताओं ने कसा तंज

जहां एक तरफ चुनाव से पहले मनरेगा मजदूरी में आंशिक बढोरती कर सरकार वाहवाही लूट रही है, वहीं इस बार वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार मनरेगा के मद में लगभग 34 फीसदी की कटौती कर चुकी है।

राजस्थान के अलवर जिले के शादीपुर गांव में नहीं है कोई माध्यमिक स्कूल, प्रभावित हो रही बालिका शिक्षा

केंद्र सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद बालिका शिक्षा की मुहीम को राजस्थान के अलवर जिले के शादीपुर गाँव में झटका लगता हुआ दिखाई दे रहा है, जहाँ लड़कियों की पढाई के लिए 12वीं तक का स्कूल ही नहीं है।

कोटा : नहीं थम रहा आत्महत्याओं का सिलसिला, एक और विद्यार्थी ने की आत्महत्या

कोटा को कोचिंग हब माना जाता है। पूरे देश से डॉक्टर और इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने के लिए छात्र यहाँ आते हैं। पढ़ाई के दबाव के चलते लगातार आत्महत्या की खबरें आती रहतीं हैं। इस वर्ष चार महीनों में 9 छात्रों ने आत्महत्या की।

Lok Sabha Election : शिक्षा और उससे जुड़े मुद्दे क्यों नहीं बन रहे हैं जरूरी सवाल?

पिछले दस वर्षों में शिक्षा का स्तर जितना गिरा है उतना पहले कभी नही। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक सभी संस्थानों में विज्ञान और तर्क को दरकिनार कर धर्म को केंद्र में रखा गया। 2024 के लोकसभा चुनाव में शिक्षा जैसा महत्त्वपूर्ण मुद्दा जनता की नजर में क्यों नहीं है?

राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित परीक्षा में भदोही के 183 बच्चों ने सफलता पाई लेकिन खाली रह गईं एसटी की सभी सीटें

छात्रवृत्ति निर्धन बच्चों के आगे की पढ़ाई के लिए बहुत बड़ा आधार होती है। राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा में सफलता पाकर बहुत से बच्चों ने अपनी मंज़िलें पाई है। विगत वर्षों की तरह इस बार भी भदोही जिले के 183 बच्चों ने सफलता पाई है। हालांकि अनुसूचित जनजाति के कोटे की चार सीटें खाली ही रह गईं।

पूर्वांचल विश्‍वविद्यालय : कॉपी में ‘जय श्री राम’ लिखकर फार्मेसी की परीक्षा में चार छात्र उत्‍तीर्ण, दो शिक्षक दोषी

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी प्रथम वर्ष के चार छात्र अपनी परीक्षा की कॉपियों में केवल ‘जय श्री राम’ लिखकर पास हो जाते है। यह हमारी शिक्षा व्यवस्था और सरकारी दावे की असलियत की पोल खोलती एक छोटी सी नजीर भर है।

कुपोषण से निज़ात पाये बिना विकसित भारत का दावा कैसे किया जा सकता है

प्रश्न उठता है कि क्या वास्तव में भारत के बच्चे, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे, कुपोषण मुक्त और स्वस्थ हैं? हालांकि सरकारों की ओर जारी आंकड़ों में कुपोषण के विरुद्ध जबरदस्त जंग दर्शाई जातीहै, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अभी भी हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाएं और 5 पांच तक की उम्र के अधिकतर बच्चे कुपोषण मुक्त नहीं हुए हैं।

आयुष्मान भारत योजना : वाराणसी मंडल का 15 करोड़ का भुगतान रद्द

आज सरकार रेवडियों की तरह आयुष्मान कार्ड तो बना रही है लेकिन सालाना स्वस्थ्य का बजट नहीं बढ़ा रही है। ऐसे में सरकार की गरीब लोगों को अच्छी और मुफ्त स्वास्थ्य योजना का लाभ देने की मंशा पर बड़ा सवाल खड़ा होता है।

तेजी से बढ़ रहे स्तन कैंसर के मामले, 2040 तक प्रतिवर्ष 10 लाख मौतों की आशंका : लैंसेट रिपोर्ट

ICMR की रिसर्च के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की तुलना में शहरी क्षेत्र की महिलाओं में स्तन कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।

महिलाएं मासिक धर्म के समय सैनिटरी पैड के उपयोग में सतर्कता रखें

माहवारी कोई बीमारी नहीं है यह तो प्राकृतिक प्रक्रिया है । इस समय उपयोग में आने पैड,कॉटन या सैनिटरी का उपयोग सावधानी से करें जो हर स्थिति में सुरक्षित हों।

कैंसर से बचने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण जरूरी

विशेषज्ञों का यह मानना है कि कैंसर के सभी रूपों का इलाज संभव है। लेकिन इसके लिए लोगों को स्वयं जागरूक होने की जरूरत है। उन्हें अपने शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव को नज़रंदाज़ नहीं करनी चाहिए। समय-समय पर चेकअप इस बीमारी को गंभीर होने से पहले समाप्त कर सकता है। वहीं व्यायाम, पौष्टिक भोजन और तंबाकू उत्पादों के सेवन से परहेज इसके खतरे को कम करने में मददगार साबित होता है।

श्रद्धांजलि : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा में याद किए गए प्रो. चौथीराम यादव

हिन्दी आलोचना को एक नयी धारा 'अम्बेडकरवादी-मार्क्सवादी' प्रो चौथीराम यादव की ही बदौलत मिली। वे आलोचना को नए ढंग से प्रस्तुत करते थे। वे आलोचना को सिर्फ साहित्य से ही नहीं, बल्कि समाज से जोड़कर देखते थे। काशी हमेशा कबीर के बाद प्रो चौथीराम यादव को याद करेगी।

प्रोफेसर चौथीराम यादव : वंचितों के व्याख्याता का महाप्रयाण

हिन्दी के शीर्षस्थ आलोचक और धुरंधर वक्ता प्रोफेसर चौथीराम यादव का महाप्रयाण बहुजन आंदोलन और साहित्य के लिए बहुत बड़ी क्षति है। वह अपने दौर के शानदार अध्यापकों में रहे हैं जिनकी याद उनके विद्यार्थियों को आज भी रोमांचित करती है। उन्होंने बड़े पैमाने पर लोगों के दृष्टिकोण को उन्नत किया जिससे आज हज़ारों लोग साहित्य के इतिहास और लोकधर्मी प्रतिरोध की परंपरा को व्यापक बहुजन समाज की मुक्ति की कसौटी पर देख रहे हैं। छद्म बुद्धिजीवियों की बढ़ती कतार के बरक्स प्रोफेसर चौथीराम यादव की उपस्थिति हमेशा एक जन-बुद्धिजीवी की उपस्थिति की आश्वस्ति देती रही है।

मिर्ज़ापुर : शायर की क़ब्र पर उगी घास और समय की मांग से बाहर होती जा रही मिर्ज़ापुरी कजरी

उत्तर प्रदेश के लोकगायन में बहुत चर्चित विधा है कजरी। कजरी की बात होने पर मिर्ज़ापुरी कजरी और लोककवि बप्फ़त का नाम आना सहज है। दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं। आज भले ही कजरी गायन की रौनक कम हो रही है लेकिन कजरी लेखक बफ़्फ़्त की लिखी कजरी आज भी गाई और सुनी जाती हैं। बेशक उनकी कब्र वीरान पड़ी है, उन्हें याद करने वाले कम हो गए हों लेकिन जब-जब कजरी की बात होगी बप्फ़त की याद जरूर आएगी।

बनारस के मनोज मौर्य की बनाई जर्मन फिल्म ‘बर्लिन लीफटाफ’ फिल्म समारोह की बेस्ट फीचर फिल्म बनी

मनोज मौर्य एक युवा फ़िल्मकार हैं। गाजीपुर में जन्मे और बनारस में पले-बढ़े मनोज अपने को बनारसी कहने में फख्र महसूस करते हैं। लंबे समय से मुंबई में रह रहे मनोज की इस वर्ष दो फीचर फिल्में , हिन्दी में 'आइसकेक' और जर्मन में 'द कंसर्ट मास्टर' रिलीज हो रही हैं। 'द कंसर्ट मास्टर' बर्लिन सहित अनेक फिल्म समारोहों में दिखाई गई और तगड़ी प्रतियोगिता करते हुये बेस्ट फीचर फिल्म नामित हुई।

जनवादी लेखक संघ की ओर से सुप्रसिद्ध आलोचक चन्द्रबली सिंह की जन्म-शताब्दी मनाई गई

चंद्रबली सिंह का कहना था कि कविता मानव-मुक्ति के लिए संघर्ष करना सिखाती है। समाज की तरह साहित्य में भी सुंदर और असुंदर की लड़ाई सदा से रही है। कभी-कभी ऐसे दौर भी आते हैं,जब असुंदर की जीत होती है, लेकिन सुंदर का पक्षधर होने के कारण साहित्य और कला जीवित रहते हैं।

कांग्रेस के घोषणापत्र पर सिर्फ आंबेडकरवाद की छाप है

कांग्रेस का घोषणा पत्र पूरी तरह से आंबेडकरवाद से प्रभावित है। इस घोषणा पत्र में दलित, आदिवासी,पिछड़ों के उत्थान के मार्ग को प्रशस्त करने का खाका खीचा गया है। इसी कड़ी में विविधता आयोग की स्थापना करने का वादा कर कांग्रेस ने आंबेडकरवाद को सम्मान देने का ऐतिहासिक कार्य भी किया है।

Lok Sabha Election : संविधान और आरक्षण की रक्षा बन गया है सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा, राहुल गांधी के साथ एकजुट हो रहा बहुजन...

कुछ भाजपा नेताओं द्वारा 400 पार के पीछे संविधान बदलने की मंशा जाहिर किए जाने के बाद संविधान और आरक्षण बचाना चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है, जिस कारण आरक्षित वर्ग गर्मी की परवाह किए बिना वोट देने के लिए निकल रहा है।

गैर कांग्रेसवाद के गर्भ से निकली सांप्रदायिक सरकार के मुखिया की हताशा क्या कहती है?

सन 1950 से 1977 अर्थात 27 सालों में जनसंघ को सिर्फ छह प्रतिशत मतदाताओं ने पसंद किया था लेकिन 1963 के बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया के गैर कांग्रेसी राजनीतिक कदम के चलते शिवसेना से लेकर मुस्लिम लीग और जनसंघ जैसे घोर सांप्रदायिक दलों के साथ गठजोड़ की वजह से जनसंघ को बहुत लाभ हुआ। इस लेख में जाने-माने लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ सुरेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक विरासत के बहाने उनकी हताशा पर बात कर रहे हैं।

क्या मोदीजी कांग्रेस के न्याय पत्र से डर गए हैं?

विगत कई जनसभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र के खिलाफ तथ्यहीन बातें की हैं क्या वह उनकी संभावित हार और अपने विकास कार्यों के प्रति जनता के अविश्वास का नतीजा है। आखिर वह क्यों इतनी अनर्गल और सांप्रदायिक बातें कर रहे हैं?

धन-दौलत के पुनर्वितरण की घोषणा और मोदी की तिलमिलाहट का राज

पहले चरण के चुनाव के बाद से बीजेपी को हार का डर सताने लगा है। इसीलिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुलकर हिन्दू -मुस्लिम की बातें कर रहे हैं। हद तो तब हो गयी जब राजस्थान के बांसवाड़ा के चुनावी सभा में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस का घोषणापत्र माओवादी सोच को धरती पर उतारने की है।